अमेरिका इस्थित कोप्टिक ग्रुप ने एक फिल्म का निर्माण किया है जिसका नाम है इनोसेंसे ऑफ मुस्लिम्स और ये फिल्म अरबी में भी डब की गई है. फिल्म के प्रोडूसर (निर्माता) हैं इजराइली-अमेरिकी सैम बेसाइल.
सैम एक रियल एस्टेट व्यापारी हैं और खुद को यहूदी बताते हैं. सैम ने ये फिल्म लगभग ५० लाख डालर में बनाई है जो की उन्होंने कुछ यहूदियों से मांग कर इकट्ठा किया था.फ्लोरिडा के टेरी जोंस नामक पादरी ने इस फिल्म का प्रोमोशन किया है। जोंस पहले से ही इस्लाम विरोधी रहे है और पहले भी कुर-आन की प्रतियों को जलाने की वजह से इनके खिलाफ विरोध हुआ है.
फिल्म में इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में अपमान जनक बाते दिखाई गई हैं. पहली क्लिप १३ मिनट की है. फिल्म की शुरुआत में दिखाया गया है की कुछ इजिप्टियन मुस्लिम इजिप्टियन क्रिस्चंस पर आक्रमण कर रहे है. आक्रमण से बचता हुआ एक डॉक्टर परिवार है जो की अपने ही घर में छिपा हुआ है. उस परिवार के डॉक्टर पुरुष पेन से बोर्ड पे MAN + X = BT लिखता है और BT को इस्लामिक आतंकवादी बताता है (जो की ओवर डब आवाज़ में सुनाइ देता है). उसके बाद वो BT - X = MAN लिखता है. महिला उससे पूछती है की ये X क्या है तो वो बोलता है की ये उससे खुद पता करा होगा.
इस फिल्म के २ ट्रेलर इन्टरनेट पे अपलोडेड हैं. सुना जा रहा है की पूरी मूवी २ घंटे की है. फिल्म के दूसरे ट्रेलर में मोहम्मद साहब के बाद के जीवन को दिखाया गया है. पूरी फिल्म में बार बार ओवर डब आवाजों में इस्लाम, मोहम्मद, कुर-आन शब्दों का प्रयोग किया गया है जो की फिल्म को अश्लील और आक्रामक बनाता है.
फिल्म का कुछ हिस्सा यू-ट्यूब पे अपलोड करने के बाद से विरोध शुरू हो गया था. यू-ट्यूब पर इस फिल्म का विडियो जुलाई २०१२ को अपलोड किया गया था, और इसका टाईटिल रखा गया 'द रियल लाइफ ऑफ मोहम्मद एंड मोहम्मद मूवी ट्रेलर'. इसके बाद विडियो को सितम्बर २०१२ में अरबी में डब किया गया. अरबी में इस फिल्म को अपलोड करने के बाद इसका प्रचार ईमेल और नेशनल अमेरिकन कोप्टिक असेम्बली के ब्लॉग के द्वारा किया गया. ८ सितम्बर २०१२ को इजिप्ट इस्लामिक टेलीविज़न अल-नस टीवी पे ये विडियो प्रसारित किया गया. ११ सितम्बर से इजिप्ट और लीबिया में और उसके बाद समस्त विश्व और खास कर के मुस्लिम देशो में इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया.
माना जा रहा है की ११ सितम्बर २०१२ को अमेरिकन राजदूत जे. क्रिश्टोफ़र स्टीवेन और ३ अतिरिक्त अमेरिकन लोगों की मृत्यु का कारण यही विडियो है और ये एक सोची समझी साजिश के अंतर्गत किया गया.
एक सलाहकार के कहना है की इस फिल्म का पोस्टर टाइटिल ‘इन्नोसेंस ऑफ बिन लादेन’ था.इस फिल्म की एक्ट्रेस का कहना है की इस फिल्म का असली टाइटिल “डेज़र्ट वार्रियर” था और इसकी कहानी आदिवासी एरिया में एक धूमकेतु के आजाने पर आधारित थी. इस फिल्म की कहानी में कोई भी धार्मिक वस्तु नहीं थी और ये सब कुछ इसमें बिना किसी की सूचना के ओवर डबिंग से जोड़ा गया.
फिल्म की असली निर्माता ने फिल्म की ओवर डबिंग को पूरी तरह से नकारा है और खेद व्यक्त किया है की वो और उनकी टीम इसके पीछे १% भी नहीं है. “हम इस फिल्म की कठोर पुनर्लेखन से आहत हैं और हमें इस बात का सदमा है की इसकी वजेह से पूरी दुनिया में काफी कुछ बुरा हो रहा है”, ये कहना है फिल्म के कास्ट एवं क्रू मेम्बर्स का. Cindy Lee Garcia जिन्होंने इस मूवी में मोहम्मद की होने वाली वाली बीवी की माँ का किरदार निभाया है उनका कहना है की ये फिल्म सन २००० के इजिप्ट के जीवन को दर्शाती है जिसका नाम डेज़र्ट वार्रियर है और जिस किरदार का नाम मोहम्मद दर्शाया गया है उस किरदार का नाम मास्टर जोर्ज है.
WNYC's On the Media की प्रोडूसर सराह अब्दुर्रहमान ने ये ट्रेलर देखकर कहा की सच में सारे धार्मिक वाक्यांश फिल्म के शूट होने के बाद ओवरडब किये गए हैं.
- “फिल्म इतनी नृशंस है की इसमें कुछ भी देखने लायक नहीं है"- द न्यू रिपब्लिक
- “एक अश्लील और क्रूर दिमाग की उपज"- न्युयोर्क डेली न्यूज़
- “इस फिल्म का सीधा उद्देश्य पैगम्बर मोहम्मद की छवि को बिगाडना है"- मुस्लिम फिल्म मेकर कामरान पाशा
- “अपमानजनक, अप्रिय, घृणित और कूड़ा फिल्म"- सलमान रश्दी
- “इस्लाम विरोधी और क्रुद्दता फ़ैलाने की लिए बने गई फिल्म"- स्काई न्यूज़
- “फिल्म दर्शाती है की मोहम्मद साहब एक बेवकूफ, वेहशी और ढोंगी थे"- रयूटर
- “ट्रेलर के अनुसार मोहम्मद साहब एक लड़कीबाज़, समलैंगिक और चाइल्ड एब्युज़र थे.”- एन. बी. सी न्यूज़
- “गधे के समय के संवाद समलैंगिता और कामुकता व्यक्त करते हैं"- टाइम मैग्जीन
- “मोहम्मद साहब के अनुयायियों को महिलाओं एवं बच्चों के बर्बर हत्यारे एवं धन के भूखे दिखाया गया है.”- बी. बी. सी